किसान भाइयो को 3.75 लाख रुपये मिलेगे -pm kisan news
भूमि का उपयोग कैसे शुरू हुआ
भारत देश किसानो का देश है प्राचीनकाल की सभ्यता जो सिंधु नदी के तट पर उदभव होना बताया गया था इतिहासकारो की माने तो देश में आकर लोग आर्य थे जिन्होंने अपना पहला आश्रयस्थल सिंधु नदी को बनाया था। जो नदी के पानी से खेती करते थे पशु पालन करते थे
जिनके बाद पशुओ के शिकार का चलन शुरू हुआ और शिल्पकार बड़े बड़े भवन का निर्माण करने लगे। राजा-रानी व्यवस्था का चलन शुरू हुआ।
किसानो को मिलेगे 1.60 लाख रुपये
किसानो का विकास
देश में किसानो के साथ राजाओ ने कर की व्यवस्था को लागु किया जो देश में बाद में जमींदारी प्रथा का रूप देश में रह रहे पैदा की जाने वाली फसल का बड़ा हिस्सा कर के रूप में जमीदारो के जरिये लिया जाने लगा जिससे किसानो को अपनी मेहनत का लाभ काम मिलने लगा साथ ही जयादातर हिस्सा फसल न होने पर भी वसूला जाता था जिसके कारण किसानो को शोषण होना शुरू हो गया
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किसानो को धीरे धीरे अंग्रेजो के आने से नयी फसल बोने का अवसर मिलने लगा किसानो मिटटी के अक़्नुसार फसल बोने लगे।
खेती की मिट्टी की जानकारिया
अपनी खेतीं का चयन करने में लगे और राज्यवार खेतियों की पहचान होने लगी जैसे उत्तरप्रदेश की भूमि गन्ने और गेंहू की फसल के लिए उचित थी तो उत्तरप्रदेश गेंहू और गन्ना उत्पादन में अपना पहला नाम दर्ज करने वाला पहला राज्य हो गया इसके बाद जैसा की चाय के बागान आसाम में लगने लगे तो आसाम का नाम चाय उत्पादन करने वाले राज्य के रूप में सामने आया
इसके बाद बिहार जो की नेपाल से आने वाले पानी से बाढ़ का शिकार होता है जिसके कारन बिहार में धान की खेती की जाने लगी इस कारण से बिहार को धान का कटोरा कहा जाता है। जैसे जैसे अलग अलग देशो के लोग भारत आये और भारत की बदलती ऋतुओ के कारण अपनी अपनी फसल को बोने लगे जिस कारन से देश के सभी तरह के भू भाग का उपयोग लगा यहां तक की ये कहे की जहा पर सूखा पड़ता उस भूमि को भी नमक बनाने में काम में लिया जाने लगा देश में सभी फसल को पैदा करने का अवसर मिला जलवायु के अनुसार ये कहे देश के बंजर भूमि में भी बड़ी उपयोगी फसल उगाई जाने लगी है।
राजाओ की प्रयोगा साला का कारण
जैसा की आप को पता होगा की भारत देश शिक्षा का केंद्र था उशका कारण थीतक्षशिला की विध्या पीठ जो सबको विश्व का महानतम शिक्षा देती थी
चाहे वोधार्मिक जानकारी हो या गणित की जानकारी चाहे रणनीति की चाहे वेद-विषारद की एक तक्षशिला की विध्या पीठ ही पूरे विश्व को शिक्षा देने का केंद्र थी(because ) राजाओ की प्रयोग शाला भी इसमें थी जो नित नए परीक्षणों के जरिये किसानो को अधिक पैदावार व रोगो से बचाने की जानकारी देती थी जैसे जैसे विदेशी आकाओ को
इन वेदशालों का पता पड़ा उन्होने इन को नष्ट करा दिया ताकि हिंदुस्तान की जनता उनसे आगे न निकल जाए
पीएम किसान बड़ी योजनाए
पीएम ने माना की किसानो का जीवन स्तर को सुधारना है तो किसानो को फिर से
ऐसी ही प्रयोगशाला से जोड़ना होगा जो समय समय पर उनको जानकारिया देती रहे और किसान अपनी फसल का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन ले सके इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही पीएम ने एक योजना चलायी है जो इस प्रकार है।
मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना –
जिशका उद्देश्य है युवाओ को रोजगार देना ताकि वो आगे बड्कर किसानो की खेतीमे ज्यादा से ज्यादा जानकारिया देकर उनके उत्पादन को दुगुना कर सके क्योकिकिसान की आय को 2022 तक दुगुना करने का सपना देश की सरकार देख रही है
जो पूरा करना है। इस योजना मे मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला लगा सकते है जिसके लिए किसानो को सरकार 3.75लाख रुपए दे रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा किसान आगे आए
- हर गाँव मे मिट्टी परीक्षण करके खेती की जा सके।
- अधिक से अधिक पैदावार ली जा सके।
किसान की इनकम को अधिक किया जा सके और बेरोजगारी जैसे समस्याओ का श्माधान किया जा सके।
कैसे खोल पायेगे प्रयोगशाला
नियम और शर्ते क्या है जिनको जरूरी है पूरा करना (because )ऐशे किसान समितीया या समूह या कृषक सहकारी समितिया ,कृशक हेलपिंग ग्रुप ,एनजीओ जो किसानो को समय समय पर मदद करते है तो उनको अधिक प्रयोगशाला राशि मिलती है जो इस प्रकार है।
जैसे की जानकारी मे आया है की एक प्रयोगशाला को शुरू करना है तो हमको लगभग पाँच लाख रुपए की जरूरत होती है जिसमे से 75% सरकार दे देती हैजो राशि होती है 3.75 लाख रुपए प्रत्येक मिट्टी के नमूने की जांच पर 300/रुपये मिलते है जिसमे किसान के खेत की मिट्टी की जाँच करके कार्ड बनाकर देना होता है इसके साथ ही किसान अपने जिले के उपनिदेशक को मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खोलने के आवेदन दे सकते है।
मिट्टी जाँच प्रयोग शाला स्थायी और वेन प्रयोगशाला –

जब प्रयोगशाला को किसी जगह जैसे गाँव या शहर के पास किसी भवन मे खोला जाए और वही पर जाँच की जाए तो उसको स्थायी प्रयोगशाला कहा जाता है ।लेकिन जब किसी मोटर-यान मे प्रयोगशाला खोली जाए जैसे की प्रदूषण जाँच करने वाली गाड़ी मे जिसको मन चाहे गाँव ढाणी मे पहुंचाया जा सके उसको वेन प्रयोगशाला कहते है ।
बेरोजगारी समस्या का अंत
इस योजना का लाभ हर गांव युवा को होगा जिससे आसानी से हर आम आदमी को गांव में ही रोजगार मिल सकेगा।
जो भी युवा रोजगार के लिए शहर में आता है अब इस योजना से उसको एक बढ़िया में ही मिल पायेगा जिससे उसके काम शहर आने जाने के लिए लगने वाला समय भी बचेगा साथ उसकी कार्य क्षमता भी बढ़ेगी उसको अपना रोजगार छूट जाने का डर भी नहीं रहेगा
- योजना का गांव में ही लाभ मिलना।
- साथ ही गांव में ही मिटटी की जांच हो जाने से किसानो का जो समय प्रयोगशाला में लगता है बच जायेगा।
- खेती को अधिक समय मिल पायेगा किसान अधिक मेहनत कर पायेगा।
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इस योजना का उद्देश्य भी किसान और गांव का अधिक से अधिक विकास करके रोजगार देना है जिससे की किसान की आय को दुगुना करने का सरकार का वादा भी जल्द से जल्द पूरा किया जा सकेगा।
आर्टिकल का उद्देशय
इस आर्टिकल के जरिये किसानो को अपनी आय बढ़ने के विकल्प की जानकारी देने का प्रयास किया गया जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते है किसान आसानी से कृषि से जुडी प्रयोगशाला को खोल सकता है देश में चल रहे आत्मनिर्भर अभियान को भी बल मिलेगा।
- साथ ही किसान अपने साथी किसानो को भी अपने गांव में ही रोजगार दे सकते है।
- जिससे किसानो को उनके गांव में ही रोजगार मिल सकेगा गांव की बेरोजगारी की समस्या का भी निदान हो सकेगा l
- आर्टिकल में बताये अनुसार योजना का फायदा किसान ले सकते है।
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जिससे किसान अपनी और अपने आस पास की गांव की फसल उत्पादन को बढ़ाने में भी सहायता कर सकते है।जिससे देश मे फसल का उत्पादन भी बढ़ेगा और किसान की आर्थिक दशा को सुधारने का भी सहयोग हो पाएगा ।