सूक्ष्म धुरी सिंचाई प्रणाली -IJRAIL METHOD KHETI ,किसान योजना ,खेती योजना ,बंजर भूमि योजना ,krushak योजना ,खेती तकनीक ,
भारत देश में खेती ही आजीविका का मुख्य साधन है देश का काफी बड़ा भू -भाग बिना पानी के होने के कारण खेती के लिए उपयोग नहीं किया है इस भू -भाग को भी खेती योग्य बनाने के लिए अब अनेको प्रयोग किये जाने लगे है जिससे खेती करने का दायरा भी बढ़ने लगा है।
इसके लिए नये -नये बीजो को तैयार किया जाने लगा है जिससे काम पानी में भी खेती की जा सके सबको खेती का काम आसानी से मिल सके। बीजो को बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है किन ये बीज गर्मी में भी आसानी से कम पानी में अंकुरित हो सके।
देश में सरकार ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाये है की काम पानी में भी खेती की जा सके जिससे आसानी से फसल को उगाई जा सके। साथ ही सभी लोगो को खेती से जुड़े काम में आसानी से जोड़ा जा सके।
जिससे आम खेती करने वाले को तो अपनी खेत में खेती करने का मौका मिलेगा साथ ही उस फसल से जुड़े हुए कारोबार भी फलीभूत होंगे। इसके लिए सरकार ने इसराइल की खेती समझने के लिए भी समय समय पर अपने कृषि विज्ञानिको को ट्रेनिंग के लिए भेजा है।
इस ट्रेनिंग में कृषि वैज्ञानिक समझ गए है की देश में सूक्ष्म सिंचाई योजना से ही अब खेती आसानी सकती है।
जिससे पानी की कमी के चलते कोई भी परेशानी भी नहीं आएगी।
सूक्षम यानि की कम पानी में में खेती की सिंचाई करना इस प्रणाली में एक फव्वारा लगाया जाता है जिससे खेती करते समय सारे खेत की आसानी से सिंचाई हो जाती है। इस तकनीक के कारण खेती की होने वाली फसल का भी अधिक पैदावार होती है।
इस योजना का उद्देश्य किसी भी गरीब का बच्चा वंचित न रह पाए।
सूक्ष्म यानि कम पानी से सिचाई करना सूक्ष्म धुरी प्रणाली का
ही हिस्सा है जिसमे दो टायरो पर एक फव्वारा सिस्टम लगाया जाता है इश्मे कम पानी से अधिक उत्पादन होने लगता है जैसा
की जैतसर जो की श्रीगंगा नगर में स्थित है के गाँव में
इश तकनीक को अजमाया गया है और पाया की सुक्षम
धुरी प्रणाली को
अपनाने पर बंजर भू मि में भी अधिक उत्पादन किया
जाने लगा है राजस्थान के केन्द्रीय कृषि राज्य फर्मो में
अब इजराइल की सूक्ष्म धुरी प्रणाली के आधार पर सिंचाई की
जाने लगी है इश फार्म की सफलता को देख कर अब देश के
अन्य फार्मो में भी सूक्ष्म धुरी प्रणाली के जरिये ही सिचाई की
जाने लगी है इसमें न्यूनतम से न्यूनतम पानी से अधिक से अधिक क्षेत्र की सिंचाई की जाने लगी है
शुक्ष्म धुरी प्रणाली की ट्रेनिंग
अब चुकी ये तकनीक एकदम अलग है जिसके जरिये बंजर
भूमि को हरी भरी की जा सकती है इशलिये जिले के कृषि
विभाग के जरिये इश प्रणाली की गाइड लाइन के रूप में ट्रेनिग दी जाती है l
ताकि किसानो की फसल के रूप में जमा पूंजी को किशी तरह का नुकसान न हो l
राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने समय समय पर किसानो
को केम्प के जरिये या ट्रेनिंग देने की अल्प कालीन योजनाये
भी बना रक्खी है जिसमे भाग लेकर किसान आसानी से बंजर
भूमि को अपनी आजीविका का साधन बनाया जा सके और सबसीडी का भी फायदा लिया जा सके l
भारत में कृषि
जैसा में खेती करने के लिए जैसा की अधिकतम जमीन का उपयोग किया जाता है l जिसके कारण किसानो मोसम की मार को झेलम पड़ता है l सूक्ष्म धुरी सिंचाई प्रणाली -IJRAIL METHOD KHETI
इसलिए सरकार ने किसानो को अधिकतम से अधिकतम नई खेती की ट्रेनिंग देने का प्रयास किया है जैसा की पोली हाउस भी इस ट्रेनिंग का ही एक हिस्सा है जिससे किसान होने वाली अधिकतम वर्षा से या धुप से फसल को बचा सकते है l
समय समय पर खेती से जुड़े अधिकारी किसानो को ट्रेनिंग की जानकारी देते है l
किसान भी आजकल डिजिटल ट्रेनिंग के जरिये खेती के सभी कार्यक्रम देख पाते है l
खेती से जुड़े ट्रेनिंग भी रेडियो टीवी पर दी जाने लगी है l
सूक्ष्म धुरी सिंचाई प्रणाली -IJRAIL METHOD KHETI
बूंद बूंद खेती तकनीक से किसानो को पानी कम मिलने पर भी खेती करने का मोका मिल पाया है l