RD,FD जमा पैसा रजिस्टार -क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी योजना ,चिटफ़ंड योजना,किसान योजना
किसान योजना
RD,FD जमा पैसा रजिस्टार -क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी योजना जिसमे किसान योजनाको सामील किया गया है क्योकि रजिस्टार के
RD,FD जमा पैसा रजिस्टार -क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी योजना ,चिटफ़ंड योजना,किसान योजना
RD,FD जमा पैसा रजिस्टार -क्रेडिट कोपरेटिव सोसाइटी योजना जिसमे किसान योजनाको सामील किया गया है क्योकि रजिस्टार के
पास किसान अपना समूह बनाकर अपनी किसान क्रेडिट क्रेडिट सोसाइटी को पंजीकृत कराते है जिसके कारण उन किसानो को सरकार की
और से लोन पर और खाद बीज की खरीद पर ज्यादा से ज्यादा छुट दी जाती है । क्योकि देश मे लगभग 75 % खेती से जुड़े हुये काम कृषि से
जुड़े है जैसे की हम जानते है की किसानो को अपनी खेती के काम मे सबसे बड़ी कमी धन की होती है जिसमे उनको अपने फसल को बोने के लिए पैसो की बड़ी जरूरत होती है जिसमे क्रेडिट कोपरेटिव के पंजीकृत किसानो को आसानी से बैंक से लोन मिल जाता है
जब भी किसान मिलकर या कुछ लोगो का समूह अपनी सोसाइटी बनाना चाहता है तो उनको देश स्तर की क्रेडिट सोसाइटी बनाने की
अनुमति केंद्रीय रजिस्टार ,कृषि भवन ,नई दिल्ली से लेनी होती है इशी तरह अन्य आरडी ,एफ़डी के रूप मे पैसा जमा करने वाली सोसाइटी
को भी इशी के जरिये लोगो से पैसा जमा करने की एक लिमिट तक अनुमति मिलती है ।
चुकी केन्द्रीय रजिस्टार का अधिकार क्षेत्र पूरे देश की सोसाइटी पर रहता है
जैसा की भारत देश के केंद्रीय रजिस्टार का पता है।
जब कोई भी सोसाइटी आम आदमी से पैसा लेती है तो आज के नियम के अनुसार समय पर भुगतान करने की 100 % जिम्मेवारी सोसाइटी
की होती है जिसमे अगर सोसाइटी समय अपर भुगतान हो रहा है और नियम से ज्यादा पैसा तो सोसाइटी ने जमा नहीं किया की जानकारी लेने की जिम्मेवारी रजिस्टार की है । जमा कर्ता को भी न्यायालय ने सूचित किया है की अगर जमकर्ता ज्यादा लाभ का लालच लेकर पैसे जमाकर्ता है तो
उसका नुकसान होने की जिम्मेवारी भी जमकर्ता की है ।
जमाकर्ता के हित के लिए एक कानून बनाया गया है जिसको चिट्फंड एक्ट नाम दिया गया है जिसके अनुसार अगर कोई भी जमाकर्ता कंपनी निवेशक को समय पूरा होने पर राशि नहीं लोटती है तो उसकी धोखाधड़ी जैसे कानून में कारवाही की जाती है।
जिसमे कंपनी पर चिट्फंड एक्ट की धारा के अनुसार सीबीआई जाँच भी कराई जा सकती है। जैसा की कंपनी की सम्पती को नीलाम भी किया जा सकता है और निवेशकरता की राशि को लौटने का प्रावधान भी जोड़ा गया है।