ESIC YOJANA 2020,EMPLOYEE STATE INSURANCE ACT 1948,BIMA POLCY,कर्मचारी मेडिकल योजना ,मेडिकल योजना
ESIC क्या है ?
देश में आजादी के समय में काफी कल कारखाने चल रहे थे जैसे की चीनी मिले ,कपडा मिले ,इंजन कारखाने जिनमे
हजारो कर्मचारीकाम करते थे जो रोजाना होने वाली दुर्घटनाओ के शिकार हो रहे थे जिसके कारण उनका कारखाने में
दुर्घटना होने पर इलाज व् अन्य भत्ते की सुविधा नहीं मिल पाती थी किशी भी श्रमिक के बीमार होने पर काम पर नहीं
जाने पर उनको कामसे निकाल दिया जाता था जिसके कारण उनको आर्थिक व् मानसिक परेशानियों का सामना करना
पड़ता था भारत सरकार ने इन परेशनियो को समझा और उनको दूर करने के लिए एक श्रमिक व् मालिको के लिए
योजना बनायीं जिशको ESIC एक्ट 1948 के नाम से जाना गया जो पूरी तरह इश आशय को लेकर बनायीं
गयी की किशी भी श्रमिक के साथ चाहे कोई दुर्घटना हो या फिर बीमारी का बड़ा से बड़ा इलाज भी करना हो
तो उनको पूरी पूरी सहायता मिल पायेगी ।
क्या है ESIC ACT 1948 या फ्री श्रमिक ईलाज योजना 2020
श्रमिक को मेडिकल सुविधा देने वाला कानून कह सकते है इसके अंतर्गत श्रमिक के वेतन से कुछ अंशदान लिया
जाता है ।
और कुछ नियोक्ता के जरिये जिसको सरकार द्वारा बनाये गए ESI विभाग में जमा कराया जाता है ।
इश विभाग में शहर केअन्दर एक छोटा सा हॉस्पिटल खोला जाता है जिसमे कंपनी के श्रमिको का
इलाज किया जाता है छोटेछोटे बीमारियों का इलाज इनके द्वारा चलाये जाने वाले
होस्पिटलो में कर दिया जाता है लेकिन बड़े दुर्घटना या बीमारी का इलाज सम्बंधित सरकारी हॉस्पिटल में कराने की परमिशन
दी जाती है जिसमे होने वाले हर्जे खर्चे का भुगतान ESI विभाग मेंबिल देने पर श्रमिक को मिल
जाता है ।
ESIC अवकाश
जब श्रमिक बीमार होता है तो उसके इलाज के दोरान उसका एक निश्चित दिनों का वेतन
भी कंपनी के जरिये दिया जाता है जिसके कारन श्रमिक का आर्थिक होनी भी नहीं होती है ।
https://www.esic.nic.in/
इश लिंक से आप ईएसआई की मैं वेबसाइट पर जा सकते है
कंपनी नियोक्ता ESI
कंपनी अपने सभी श्रमिको का रजिस्टेशन करना होता है जब श्रमिक कापूरा रजिस्टेसन हो जाता है साथ ही कंपनी और
श्रमिक का प्रति माह का अंशदान ESI में जमा होने लग जाता है तो श्रमिक के पत्नी ,बच्चे ,माता ,पिता सभी
का निशुल्क इलाज का एक कार्ड बनाकर दिया जाता है जिसको हम पहचान कार्ड भी कह सकते है
इसके जरिये ही श्रमिक या उसके परिवार का इलाज किया जाता है जो चाहे तो ESI के चल रहे डिस्पेंसरी में हो या चाहे
किशी भी बड़े से बड़े चिकित्सालय में सारा खरचा पानी यानि इलाज फ्री होता है और अगर ये किशी
कारन से वहा पर उपलब्ध नहीं है तो आस पास के सरकारी अस्पताल में भेजा
जाता है जिसमे कोई भी खर्चा आता है तो उसका बिल जो की दवा या चेक अप का होता
है श्रमिक को उष हॉस्पिटल से डॉक्टर के जरिये वेरीफाई कराने पर दे दिया जाता है ।
ESIC से बिल का भुगतान न होना
श्रमिक कई बार एसा होता है की बीमारी का इलाज किशी बड़े और दूर राजधानी में
बने हॉस्पिटल में कराने जाना पड़ता है। और वह बाजी में अगर ईएसआई से अपने मरीज को बाहर जाकर इलाज
करवाने की परमिसन नहीं ले पाता है। तो उसके हर्जे खर्चे का कोई भी बिल पास नहीं हो
पाता है ।

ESIC से परमिसन लेने के बाद भी बिलों का पास ना होना
जैसा की आम जानकारी होती है की श्रमिक ने बड़े इलाज करने या जाँच करवाने की इजाजत दो
ईएसआई डिस्पेंसरी में बैठे हुए
डॉक्टर से ले ली और वो इश गलत फहमी में रह जाता है की डॉक्टर से तो सारी परमिसन मिल गयी है
अब तो मेरे या मेरे परिवार का इलाज का खरचा जो भी होगा आसानी से ईएसआई के जरिये
मिल जायेगा जो सोचना ही श्रमिक को भारी पड़ जाता है जिसमे सबसे बड़ी गलती श्रमिक इलाज के दोरान
मिलने वाले बिलों को खो देना भी होता है । दूसरा श्रमिक के पास बिल तो सारे है लेकिन फिर भी श्रमिक को
खर्चा नहीं मिलपाया आखिकार क्यों क्योकि श्रमिक ने जो भी हॉस्पिटल में इलाज कराया है उसके जरिये कराये
गए इलाज के दोरान उन बिलों पर उनचिकित्सक काभी मोहर के साथ हस्ताक्षर कराना
भीअनिवार्य है जब ही ईएसआई में उन बिलों का पूरा पूरा भुगतान हो पाता है ।
मजदुर को लाभ
इस योजना के जरिये मजदुर को लाभ भी दिया गया है जिसके कारण मजदूरो को बिमारी होने पर देखरेख चिकित्सा लाभ भी मिल जाता है जिससे कोई भी श्रमिक किशी भी तरह की बड़ी बड़ी बीमारी होने पर भी निशुल्क ईलाज करा पाता है इस योजना से सभी कम्पनी के श्रमिको को भी लाभ मिलता है |
जिसके कारन उन पर बीमार होने पर ईलाज करवाने का अधिक भार नहीं पड़ता है साथ ही ईलाज में खर्च हुए पैसो के साथ साथ कुछ दिनों का अवकाश भी मिल जाता हैजिस कारन श्रमिक को आर्थिक हांनी भी नहीं होती है |
ESIC योजना मृत्यु लाभ
जैसा की इस योजना का लाभ श्रमिक को जीवित होने पर तो मिलता है लेकिन अगर पंजीकृत श्रमिक जिसका किसी भी फैक्ट्री के जरिये ESIC का कार्ड बना है जिसके जरिये उसने किसी भी डिस्पेंसरी से लाभ लिया है।
जब कोई श्रमिक साधारण या असाधारण रूप से मर जाता है तो उसके दाह संस्कार के लिए भी ESIC के जरिये अंशदान दिया जाता है। कुछ समय पहले ये अंशदान की राशि पांच हजार रूपये थी जो अब और बढ़ गयी होगी इसकी जानकारी ESIC OFFICE से कर सकते है।
- कर्मचारी राज्य बिमा बीमा निगम को ही ESIC नाम से जाना जाता है।
- फेक्ट्री कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना के बिना अधूरी है।
- श्रमिक को मृत्यु होने पर भी दाह संस्कार का पैसा मिलना बड़ी बात है योजना की।
कई बार श्रमिक बच्चे छोटे छोटे होते है श्रमिक किसी न किसी बिमारी के कारण मर जाता है उसका दाह संस्कार के लिए भी पैसे नहीं होते है उस समय श्रमिकों के वारिस को इस योजना से लाभ मिल जाता है।
ESIC हॉस्पिटल
जैसा की देश भर में श्रमिक कल्याण योजना के जरिये सभी जिलों में कर्मचारी राज्य बिमा निगम की मजदूरों को ईलाज करने के लिए डिस्पेंसरियां है जिसमे श्रमिक अपने कार्ड को ले जाकर आसानी से खुद का और परिवार का इलाज करा सकता है।
इसके आलावा श्रमिक यदि यदि किसी भीं बड़े और भयानक रोग का शिकार हो जाता है तो उसको बड़े बड़े हॉस्पिटल में इलाज करवाने भी रेफर कर दिया जाता है। जिससे की शार्मिक आसानी से कोई भी बिमारी का इलाज करा सके।
- राजधानी जयपुर में भी ESIC का बड़ा और आधुनिक हॉस्पिटल है जिसमे पानिकृत श्रमिक सेवा ले सकता है।
- इसके आलावा अलवर जैसे बड़े शहर कर्मचारी राज्य बीमा निगम का बड़ा बजट का हॉस्पिटल बन चूका है।
श्रमिक को का कोई अतिरिक्त खर्च इलाज के लिए इन हॉस्पिटल में पड़ता है श्रमिक का इलाज नियमानुसार पूर्ण रूप से सही और निशुल्क किया जाता है इसके आलावा श्रमिक को इलाज के दौरान जो छुट्टिया होती है उनका भी वेतन मिल जाता है।