सुचना का अधिकार 2005 -RTI 2005,सरकारी ऑफिस से जानकारी लेने का अधिकार ,कारण सहित साक्ष्य पाने का अधिकार
सूचना
हर किशी काम की सरकारी हो या निजी सूचना रखनी होती है अपने रिकॉर्ड मे जिनमे से कुछ विभाग ऐसे थे जो आमजन को उनकी लाभकारी योजनाओ की जानकारी नहीं देते थे जिसके कारण आमजन उसका लाभ नहीं उठा पाता था और वो योजनाए आमजन के आर्थिक विकाश मे सहायक नहीं हो पाती थी ।
इन सब बातो के कारण ही एक ऐसा कानून बनाया गया है जिसके जरिये आमजन सब योजनाओ व सरकारी कार्यालयो से जानकारी प्राप्त कर सकते है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई )2005
इस कानून को सूचना का अधिकार नाम दिया गया है इस कानून के कारण कोई भी नियुक्ति से संबन्धित जानकारी हो सरकारी कार्यालयो को देने होती है जैसे की न्यूज़ पेपर मे ,टीवी चेनल पर
इस कानून को समझने और बताने के लिए इसको इस प्रकार से बाटा गया
- सूचना का अधिकार अधिनियम ,2005 की धारा 4 (1 ) के अंतर्गत स्वत प्रकटन
- अक्सर पुछे जाने वाले प्रश्न
- सूचना का अधिकार अधिनियम ,2005
- आरटीआई नियम 2012
- आरटीआई निर्देश
- सूचना साधको के लिए महत्वपूर्ण परामर्श (आरटीआई आवेदक )
- लोक शिकायतों की स्तीथी
- सूचना का अधिकार और प्रधान मंत्री कार्यालया
- आरटीआई अधिनियम के तहत नामित अधिकारी
- सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया
- ऑनलाइन आरटीआई आवेदन करे
- प्रधानमंत्री कार्यालया के समबंध मे मांगी जाने वाली जानकारिया
- कुछ आरटीआई और उनके उत्तर
- पहली अपील निर्णय
- केन्द्रीय मंत्री परिषद की संम्पतिया और देनदारिया
- अन्य सूचनाए
आमजन को सही सही जानकारी देना ही या कहे की उनको सही जानकारी मिल जाये इसलिए इस कानून की आवशयकता महसूस की गयी।
सूचना कैसे प्राप्त करे
जैसा की आम जन को कोई भी सरकारी कार्यालया मे जाने मे हीच किचाहट होती है जब वे किसी भी योजाना या नोकरी की जानकारी या किशि घटना का रिकॉर्ड आदि मांगते है तो उनको आनाकानी कर लोटा दिया जाता है।

इसलिए अब ऑनलाइन सूचना जान सकते है उसके लिए क्या करना है तो जानते है पूरा का पूरा प्रोसेस
- सबसे पहले दिये गए लिंक पर क्लिक करते है जिसके बाद अपना रजिस्टेशन करते है ।
- जब अपना user जनरेट हो जाता है तो अपनी मांगी गयी नाम पता मोबाइल नमबर भी देने होते है ।
- इसके बाद अपने पहचान के रूप मे आधार कार्ड या पेन कार्ड आदि की सख्या भी भरनी होती है ।
- साथ ही उनको स्कैन करके अपलोड भी करना होता है ।
- जिस विभाग से जानकारी मांगनी है उसको भी सिलैक्ट करना होता है।
- साथ ही जो जानकारी लेनी है उसके बारे मे भी लिखना होता है ।
- इसके अलावा आरटीआई के तहत जो सूचना लेनी है उसकी एक स्कैन एप्लिकेशन भी अपलोड करनी होती है।
- चुकी इस अपलोड करने के बाद सभी जानकारी के कॉलम को भी चेक कर लेना है कोई गलती तो नहीं हुई है।
- अंत मे कैच अप कोड भर कर सबमिट करना है ।
- चुकी ऑनलाइन आरटीआई मे फीस भी देनी होती है जो लगभग एक जानकारी लेने की 40 रुपए भुगतान करना होता है।
- नेट बैंकिंग के जरिये दे देते है तो आरटीआई सबमिट होते ही एक एप्लिकेशन नमबर आ जाता है ।
- इसका प्रिंट ले अपने पास रख लेना चाहिए।
चुकी आरटीआई मे जिस अधिकारी को मांगी गयी सूचना देनी होती है उसको लोक सूचना अधिकारी के नाम से भी जाना जाता है ये सूचना 30 दिन मे देना अनिवार्य होता है ।
सूचना का महत्व (RTI Importance )
चुकी जवाब सरकारी विभाग के जरिये दिया जाता है जिसका बड़ा महत्व होता है जिसको साक्षय के रूप मे भी हम बता सकते है ।
जैसा की मुख्यत चल रहे न्यायिक विवादो मे आरटीआई से मिले जानकारी को बड़ा सबूत मानकर भी फैसला दे दिया जाता है।
सुचना का अधिकार 2005 -RTI 2005
आर्टिकल का उद्देशय
इस आर्टिकल मे बताया गया है की सरकारी विभाग से किशि भी जानकारी को सूचना के अधिकार के तहत कैसे मांगा जा सकता है जिसके जरिये किशि भी सरकारी योजना या काम ,कारवाही की जानकारी मांगी जा सकती है ।
आम आदमी को जो जानकारी आसानी से विभाग विशेष के जरिये नहीं दी जाती है उसको अब सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 से कैसे नाम मात्र के शुल्क को अदा कर लिया जा सकता है ।
- सूचना क अधिकार से कैसे जानकारी ले सकते है ।
- कितने दिन मे सरकारी विभाग आम जन को सूचना देता है ।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 क्या है ।
आमजन को सही तरीके सी सरकारी ऑफिस से जानकारी मिल पाती है जिससे की वे अपने काम में उस जानकारी का उपयोग कर सके और सरकारी कार्यालय भी आसानी से इस कानून के कारण जानकरी दे देते है।
नाम मात्र का शुल्क अदा करने पर जानकारी आसानी से मिल जाती है। किसी तरह की कोई भी सिफारिश किसी अधिकारी से नहीं करनी पड़ती है।
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