एक देश एक बाजार नीति -Ek Desh Ek Bajar Neeti

एक देश एक बाजार नीति -Ek Desh Ek Bajar Neeti,किसानो की बड़ी योजना -एक देश एक बाजार मे बिकेगी फसल

एक देश एक बाजार नीति -Ek Desh Ek Bajar Neeti

किसान देश की हम कड़ी है जिसके बिना किशी देश के बारे मे बात नहीं कर सकते है जैसा

की कोरोना के संकट के समय मे भी किसानो ने ही अपनी फसल से उगाये राशन ने ही आम जन की मदद की जैसा की भारत को गांवो का देश कहा जाता है जिसमे असख्य लघु किसान रहते है जो अपने खेती को ही मुख्य व्यवसाय के रूप मे करते है। जिसमे चाहे वो गेंहू की खेती हो या चावल की या फिर गन्ने की

अब देश मे किसान की महता और बढ़ गयी है क्योकि अब किसानो की आय को भी दुगुना करने की घोषणा सरकार कर चुकी है ।

  • जैसा की लोक डाउन के समय मे भी किसान को मदद के लिए
  • पीएम किसान योजना के 2000 रुपए दिये थे
  • साथ ही किसान ने जो फसल का किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया है।
  • उनको भी भरने की तारीख आगे की है ।
  • इसके अलावा किसानो की पीएम किसान सम्मान निधि की राशि को
  • सालाना बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है ।
  • जिससे किसान का आर्थिक ढ़ाचा मजबूत किया जा सके
  • फसल के अनुसार बिना गारंटी का लोन भी दिया जाने लगा है
  • साथ ही 14 दिन मे ही किसान क्क्ष्रेदित कार्ड बनाकर लोन देने का आदेश भी
  • सरकार ने दिया है बैंको को
  • अलग अलग राज्य मे किसानो की कर्ज माफी की योजना भी चालू की जा चुकी है ।

किसानो को अब मोदी जी की केबिनेट बैठक ने एक नयी योजना भी दी है जिसका नाम दिया

गया है एक देश एक बाजार जिसके अनुसार किसान अपनी फसल को अब देश की किशि भी मंडी मे बिना किशि रोक टॉक के बेच सकेगा

पीएम किसान योजना

जैसा की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लघु किसान को साल 2018 के अंत मे पीएम किसान सम्मान निधि की योजना को जारी करके किसान को साल के 6000 रुपए दिए जाने की घोषणा की थी

अब एक नई घोषणा की है जिसमे हमने देखा था की देश की कोरोना से बिगड़ी अर्थ व्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ की mse योजनाओ की घोषणा की थी वही पर किसानो के लिए फसल भंडारण की सीमा को भी समाप्त कर दिया था

एक देश एक बाजार नीति -Ek Desh Ek Bajar Neeti

आर्टिकल का उद्देशय

जैसा की अब तक किसान को किशी भी राज्य या जिले मे अपनी फसल को बेचने के लिए अनुमति नहीं थी जिसके कारण अब तक किसान को अपने आस पास के मंडी व्यापारी के पास ही फसल को बेचना पड़ता था

लेकिन अब एक देश एक बाजार नीति के चलन के कारण किसान अपनी फसल को किशी भी राज्य मे अपनी फ़सल को बिना रोक टॉक के बेच सकेगे साथ ही अच्छा भाव भी किसान ले सकेगे ।

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