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फीटिंग शॉप प्रक्टिकल

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मशीनिस्ट के फिटिंग शॉप के प्रक्टिकल

प्रक्टिकल संख्या 2

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अनुप्रयोगों के अनुसार पदार्थो का चयन ( Material selection as per Applications )

उद्देश्य ( Objective )

वर्कशॉप में जॉब के अनुसार धातु का चयन करना l

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आवश्यक उपकरण या मेटेरियल

  1. माइल्ड स्टील
  2. कास्ट आयरन या डलवा लोहा
  3. एलुमिनियम
  4. स्टेनलेस स्टील
  5. पिटवा लोहा

सावधानिया ( Precautions )

  1. सभी ट्रेनी को धातु के भोतिक गुणों की जानकारी होना चाहिए l
  2. जिससे की आसानी से किसी भी धातु को पहचाना जा सके l
  3. जॉब की आवशयकता के अनुसार ही धातु का चयन करना चाहिए l
  4. जॉब के अनुसार ही कटिंग टूल को काम में लेना चाहिए l
  5. जॉब पर लगे धातु को सही तरह से वायर ब्रश से साफ करना चाहिए l
  6. किसी भी के यांत्रिक गुणों की जानकारी मशीनिंग करने से पहले ले लेना चाहिए l

कार्य विधि ( working method )

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  1. सबसे पहले जानकारी लेना चाहिए की काम किये जाने वाला पदार्थ कोनसा है l
  2. जैसा की अगर कास्ट आयरन है तो उससे बनाये जाने वाले जॉब में बेसिक पार्ट ,पाइप ,बीमा ,फाउंडेशन ,
  3. यदि अधिक कठोर लोहा जैसा की काम में पिटवा लोहा ले रहे है तो उस्ससे औजार ,नट बोल्ट , रिवेट , किल आदि को बनाया जाता है l
  4. धातु जैसा की लोहे में कार्बन मात्रा बढ़ने से मजबूती बढती जाती है को जॉब के अनुसार काम में लेना चाहिए l
  5. कुछ धातु जिन पर वातावरण से प्रभावित होकर जंग लगने का डर रहता है को पोलिस किया जाता है जैसा की जिंक कोटिंग क्रिया l
  6. पीतल और एलुमिनियम नर्म धातु होने के कारण बर्तन व् तार बनाया जाता है l
  7. इसके आलावा जिस जगह अधिक मजबूती की जरूरत होती है वहा पर हाई कार्बन स्टील को काम में लिया जाता है l न
  8. जिससे की बनाया जाने वाला जॉब जल्दी से घिसकर ख़राब न हो पाए l

परिणाम ( Result )

इस तरह से कार्य के आधार पर धातु का चयन करके ही किसी भी जॉब को आसानी से अधिक समय तक काम में आने वाला बनाया जा सकता है l

प्रक्टिकल न 3

जंग लगी धातु का आँखों से जांचना ( Visual Inspection of Raw Material For Rusting ( corrosion )

उद्देश्य ( Objective )

किसी जॉब की वर्कशॉप में जंग लगने पर देख कर कैसे जाँच की जाती है l

आवश्यक उपकरण / मेटेरियल

  1. कास्ट आयरन
  2. पिटवा लोहा
  3. माइल्ड स्टील
  4. एलुमिनियम

सावधानिया ( precautions )

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  1. किसी भी जॉब जो लोहे का हो जंग लगने से बचाने के लिए पानी से भीगने से बचाना चाहिए l
  2. लोहे की गुणवता को चेक करके ही खरीदना चाहिए l
  3. समय समय पर जॉब को कपडे से साफ करना चाहिए l
  4. जंग लगने का खतरा हो तो जॉब पर हल्का तेल परत लगा देना चाहिए l
  5. खुले वातावरण में जॉब को रखने से बचना चाहिए l

कार्य विधि ( working method )

  1. किसी भी वर्कशॉप की सफाई समय समय पर करते रहना चाहिए जिससे उन पर जंग न लग पाए l
  2. काम में लिए औजार को तेल से साफ करके कपडे से पोछकर रखना चाहिए l
  3. किसी भी लोहे में जंग लगने की संभावना हो तो उसके ऊपर टिन या जिंक की कोटिंग कर देना चाहिए l
  4. लोहे के जॉब जिन पर हल्का जंग लग गया हो ऐब्री पेपर से साफ करके हल्की ख़राब आयल की परत लगा देना चाहिए l
  5. इस तरह से हम किसी भी वर्कशॉप में जॉब पर लगने वाले जंग यानी की कोरोजन का आँखों देखा निरिक्षण करते है l

परिणाम ( Result )

इस तरह से किसी भी जॉब पर जंग लगने या न लगने का आँखों देखा प्रक्टिकल करते है l

प्रक्टिकल न 4

दी गयी विमाओ के अनुसार आउट लाइन को मार्क करना तथा iti हेक्साइंग करना l ( Marking Outline and Hacksawing According to given dimensions )

उद्देश्य ( Objective )

किसी जॉब पर दी गयी माप की आउट लाइन की मार्किंग करना और जॉब पर हेक्साइंग का प्रैक्टिस करना l

आवश्यक उपकरण / मटेरियल

  1. आउट साइड कैलीपर
  2. स्टील रुल
  3. बाल पेन हेमर
  4. हेक्सा फ्रेम ब्लेड के साथ
  5. बेंच वाईस
  6. इनसाइड केलिपर
  7. चौक पौडर
  8. सरफेस प्लेट
  9. माइल्ड स्टील
  10. फलेट फाइल
  11. डॉट पंच
  12. स्वच्छ कपड़ा
  13. ट्राई स्क्वायर
  14. स्क्राइबर
  15. ओड लेग कैलीपर

सावधानिया ( Precaution )

  1. किसी भी जॉब पर मार्किंग से पहले जॉब को या तो राईट एंगल में बना लेना चाहिए l
  2. या किसी भी जॉब पर उसका सेंटर ले लेना चाहिए l
  3. जॉब पर मार्किंग करने के लिए चोक को गिला करके हल्की परत लगाना चाहिए l
  4. जब चोक सुख जाए तो उसके ऊपर ओड लेग कैलीपर से माप को भरकर चाप लगाना चाहिए l
  5. जिस पर लगी चाप को डॉट पंच से सावधानी पूर्वक पक्का करना चाहिए l
  6. किसी भी पंच को लाइन के बीचो बीच में ही मारना चाहिए l
  7. हेक्सा में भी भी ब्लेड को सही बांधना चाहिए l
  8. जॉब को हेक्सा से काटते समय ब्लेड के दांते विंग नट की और ही झुका होना चाहिए l
  9. जॉब को काटते समय पानी में कपडा भिगोकर कटिंग वाले भाग पर डालते रहना चाहिए
  10. जिससे की ब्लेड के दांते जल्दी नहीं घिसेगे और जॉब भी फिनिशिंग के साथ में कटेगा l

कार्य विधि ( working method )

  1. सभी काम में आने वाले औजारों को वर्कशॉप में बेंच पर रख लेना चाहिए l
  2. सबसे पहले जॉब को काटने के लिए मेटल को स्टील रुल से मापते है और scriber से मार्क कर देते है l
  3. मार्क आसानी से हो इसके लिए गिले चोक की एक परत लगा देते है l
  4. scriber से भारी माप को मेटल पर मार्क करते है l
  5. मार्किंग राईट एंगल की सहायता से करते है l
  6. मार्किंग को पक्का dot पंच से करते है l
  7. इसके बाद में हेक्सा ब्लेड के फ्रेम में मेटल के अनुसार हेक्सा ब्लेड को बाँधा जाता है l
  8. जिसके जरिये वाईस में बंधे जॉब को पानी डालते हुए काटते है l
  9. कट की सुरुवात के लिए फाइल से मार्क कर लेते है l
  10. जब मेटल कटने का अंतिम छोर आ जाए तो हेक्सा के स्ट्रोक को कम कर देना चाहिए l
  11. जब मेटल कट जाता है तो उसकी माप को steel rule की सहायता से जाँच जाता है l
  12. साथ ही ट्राई स्क्वायर से भी जॉब सही कटा है या नहीं चेक कर लिया जाता है l

परिणाम ( Result )

इस तरह दी गयी विमाओ के अनुसार आउट लाइन को मार्क करना तथा हेक्साइंग करना सिखा गया l

प्रक्टिकल न 5

अलग अलग धातु जॉब की अलग अलग भागो की हेक्साइंग करना l ( Hacksawing of different sections of different types metal )

उद्देश्य ( Objective )

किसी भी जॉब के विभन्न भागो की हेक्साइंग करना l

आवश्यक औजार या मेटेरियल

  1. हेक्सा फ्रेम विथ ब्लेड 250 mm
  2. मार्किंग मिडिया
  3. डॉट पंच
  4. आउट साइड कैलीपर
  5. स्टील रुल
  6. बाल पेन हेमर
  7. बेंच वाईस
  8. इनसाइड केलिपर
  9. चौक पौडर
  10. सरफेस प्लेट
  11. माइल्ड स्टील
  12. फलेट फाइल
  13. डॉट पंच
  14. स्वच्छ कपड़ा
  15. ट्राई स्क्वायर
  16. स्क्राइबर
  17. ओड लेग कैलीपर

सावधानिया ( precautions )

  1. किसी भी औजार के तेल लगा नहीं होना चाहिए l
  2. किसी भी मेटल पर मार्किंग मिडिया की हल्की परत ही लगाना चाहिए l
  3. हेक्सा में ब्लेड को सही तरह से टाइट करना चाहिए l
  4. जॉब पर मार्किंग को पंच से पक्का कर लेना चाहिए l

कार्य विधि ( WORKING METHOD )

  1. किसी भी जॉब पर सबसे पहले मार्किंग की जाती है l
  2. जिसके बाद में पंच से की गयी मार्किंग को पक्का करना चाहिए l
  3. जब मार्किंग पक्की हो जाए तो जॉब की कटिंग की जाती है l
  4. इसके लिए जॉब मेटल के अनुसार हेक्सा ब्लेड को लिया जाता है l
  5. जैसा की जॉब को बेंच वाइस में कस कर बांधा जाता है l
  6. जिसके बाद में जॉब की कटिंग वाली मार्किंग को देखा जाता है l
  7. जहा से जॉब की कटिंग की जाती है उसके ऊपरी भाग पर एक कट रेती से बनाया जाता है l
  8. जिसमे हेक्सा की ब्लेड को चलाया जाता है पानी भी कटिंग के साथ में डाला जाता है l
  9. कटिंग के साथ साथ जॉब मार्किंग लाइन पर ही कट रहा है या नहीं भी जांचते है जिससे की जॉब सही सही मार्किंग के अनुसार ही कटे l
  10. किसी भी जॉब को हेक्सा से काटते समय आगे के स्ट्रोक में दबाव देते है व् वापस लेते समय दबाव को हटा लेते है l
  11. जिससे जॉब काटते समय हेक्सा ब्लेड के टूटने की सम्भावना कम हो जाती है l
  12. जब जॉब के काटने का अंतिम छोर आ जाए तो इसके स्ट्रोक धीरे कर लेना चाहिए l
  13. जॉब के काटने पर बने हुए बर्र को भी फ्लैट फाइल से साफ कर लेना चाहिए l

परिणाम (Result )

इस तरह से एक जॉब के विभिन्न भागो की हेक्सा से कटिंग कर सकते है l

प्रक्टिकल न 6

समतल सतहों पर चिपिंग करना ( Chipping On flat surface )

उद्देश्य ( Objective )

किसी जॉब की समतल सतह पर चिपिंग करना l

आवश्यक औजार

  1. चीजेल
  2. बेंच वाईस
  3. हेमर
  4. चिपिंग टूल
  5. अन्वील

सावधानिया ( Precaution )

  1. किसी भी जॉब की चिपिंग करना हो तो सबसे पहले फ्लैट चीजेल लेगे जिसका पॉइंट अन्गल सही ग्राइंड किया गया हो l
  2. काम में लेने वाले का हेड फैला हुआ नहीं हो यानी की मशरूम जैसा न बना हो l
  3. यदि चीजेल हेड मशरूम हो तो उसको ग्राइंड करके सही कर लेना चाहिए जिससे की हाथ चोटिल न हो पाए l
  4. चिपिंग के समय गोगल पहने होना चाहिए l
  5. जॉब की जिस सर्फेस पर चिपिंग करना है सही तरीके से वाईस में बंधा होना चाहिए l
  6. हेमर की चोट को अधिक तेजी से नहीं मारना चाहिए l

कार्य विधि ( Work method )

  1. किसी भी जॉब जिस पर काम करना होता है उसको सबसे पहले बेंच वाईस में कसकर पकड़ा जाता है l
  2. उसके बाद जॉब के हाई स्पॉट्स जिस पर चिपिंग करना होता है पर चिजल को तिरछा लगाकर चोट मारते है l
  3. जिससे चिप्स के रूप में मेटेरियल हटने लगता है l
  4. जैसा की धीरे धीरे चोट मारते है उसी के अनुसार जॉब का मेटेरियल भी हटने लग जाता है l
  5. कार्य के अनुसार चिपिंग टूल का प्रयोग करते है l
  6. जिस मेटल पर चिपिंग करनी हो उसके अनुसार ही चिजल को लेते है l
  7. अधिक मात्रा में मेटल को हटाने के लिए चिपिंग का उपयोग किया जाता है l

परिणाम ( Result )

इस तरह से किसी जॉब की चिजल के जरिये चिपिंग की गयी l

प्रक्टिकल न 7

छेनी के विभन्न कोण पर ग्राइंडिंग करना l ( Grinding chesel at Various Angles )

उद्देश्य ( Objective )

छेनी के विभिन्न कोण पर ग्राइंडिंग करना l

आवश्यक औजार / मेटेरियल

  1. ग्राइंडिंग मशीन जो वर्कशॉप में लगी हो l
  2. छेनी
  3. कुलेंट
  4. कपडा
  5. गोगल
  6. मास्क
  7. दस्ताने

सावधानिया ( precaution )

  1. किसी भी चिजल को ग्राइंडिंग करते समय हाथो में दस्ताने पहने होना चाहिए l
  2. इसके आलावा आँखों पर भी गोगल लगे होना चाहिए l
  3. ग्राइंडिंग मशीन को पहले से चलाकर देख लेना चाहिए की दोनों व्हील सही तरह से बेलेंस है की नहीं l
  4. मशीन पर ग्राइंडिंग से पहले पानी का भरा डिब्बा कुलेंट के रूप में रख लेना चाहिए l
  5. किसी भी चिजल को ग्राइंडिंग करते समय अन्गल गेज भी हमारे पास होना चाहिए l
  6. बार बार चिजल का एंगल भी एंगल गेज से चेक कर लेना चाहिए l

कार्य विधि ( working method )

  1. किसी भी चिजल जिसको ग्राइंडिंग करना है उसका क्या एंगल बना रहे है जानकारी कर लेना चहिये l
  2. जैसा की ग्राइंडिंग मशीन के आरपीएम अधिक होते है काम बड़ी सावधानी के साथ करना चाहिए l
  3. किसी भी चिजल का एंगल कटिंग की जाने वाली धातु के अनुसार रखते है इसकी एंगल लिस्ट भी वर्कशॉप में होना चाहिए
  4. छेनी के पॉइंट को हल्का हल्का टच करते हुए ही चिजल को ग्राइंडिंग करना चाहिए l
  5. बार बार चिजल को पानी में डुबाते रहना चाहिए l
  6. फ्लैट चिजल में स्टील के लिए 70 डिग्री ,क्रोस कट में 70 डिग्री डायमनड पॉइंट में 60 डिग्री होता है l
  7. इसके अलावा हाफ राउंड चिजल को 45 डिग्री एंगल में ग्राइंड करते है l
  8. छेनी के कोने भी सही तरह से ग्राइंडिंग किया जाता है l
  9. छेनी को ग्राइंडिंग करते समय किसी तरह का कोई बर्र भी नहीं रहना चाहिये l

परिणाम ( Result )

इस तरह से हमने चिजल के पॉइंट एंगल के अनुसार ग्राइंडिंग से चिजल का कटाई एंगल बनाया l

प्रक्टिकल न 8

समतल सतहों की फाइलिंग ( Filing of flat surface )

उद्देश्य (Objective )

वर्कशॉप में फ्लैट सरफेस की फाइलिंग करना l

आवश्यक औजार / मेटेरियल

  1. बेंच वाईस
  2. हेक्सा फ्रेम
  3. फ्लैट फाइल
  4. स्क्राईबर
  5. पंच
  6. हेमर
  7. ट्राई स्क्वायर
  8. चोक
  9. आउट साइड कैलीपर
  10. इनसाइड कैलीपर
  11. ओड लेग कैलीपर
  12. स्टील रुल

सावधानिया ( precaution )

  1. किसी भी जॉब को साफ करने के बाद ही काम में लेना चाहिए l
  2. फाइल से फाइलिंग करते समय स्ट्रेट खड़े होना चाहिए l
  3. किसी भी जॉब को हाथ से बार बार साफ नहीं करना चाहिए l
  4. हेक्सा को चलाते समय ब्लेड को टाइट बांधना चाहिए l
  5. जॉब को ब्लू प्रिंटिंग विधि से फ्लैट सरफेस से चेक करना चाहिए l
  6. बेंच वाईस में जॉब को उचित दुरी पर बांधना चाहिए l

कार्यविधि ( working method )

  1. किसी भी जॉब को बनाने के लिए एक मेटल पर मार्किंग मिडिया को लगाकर सक्राइबर की सहायता से मार्क करते है l
  2. जिसके ऊपर हेक्सा चलाकर जॉब की कटिंग करते है l
  3. जैसे जैसे जॉब कट जाता है l
  4. कटे हुए की सतह सही नहीं बनी होती है l
  5. उनके किसी भी सतह को राईट एंगल में बनाने के लिए फाइल से फिनिशिंग की जाती है l
  6. इसके लिए जॉब की सतह पर स्ट्रेट फाइलिंग की जाती है l
  7. इसके बाद भी अगर जॉब की सतह समतल न बने तो उसको ड्रा फाइलिंग करके जॉब को समतल बनाया जाता है l
  8. किसी भी सतह की समतलता की जाँच ट्राई स्क्वायर से करते है l

प्रक्टिकल न 9

मार्किंग औजारों का उपयोग ( Use of marking tools )

उद्देश्य ( Objective )

वर्कशॉप में मार्किंग औजारों का उपयोग करना सिखाना l

आवश्यक औजार / मेटेरियल

  1. डॉट पंच
  2. सेंटर पंच
  3. हेमर
  4. मार्किंग मिडिया
  5. ट्राई स्क्वायर
  6. बेंच वाईस
  7. हेक्सा फ्रेम
  8. सक्राइबर

सावधानिया ( precautions )

  1. किसी भी जॉब पर मार्किंग से पहले जरुरी है की उसकी सभी सतह को सही तरह से राईट एंगल में बनांया जाये l
  2. इसके बाद में जॉब के कोनो पर जो बर्र लगे रहते है उनको साफ किया जाए l
  3. किसी भी जॉब की माप दी गयी माप से कम या अधिक नहीं होना चाहिए l
  4. जिस जॉब पर मार्किंग करनी हो उसकी सतह को चोक की हल्की परत से कोटिंग करना चाहिए l
  5. मार्किंग के लिए काम में आने वाले सक्राइबर का पॉइंट भी शार्प होना चाहिए l
  6. जॉब की मार्किंग रेखा को डॉट पंच से पक्का कर देना चाहिए l

कार्य विधि ( working method )

  1. किसी भी जॉब की मार्किंग के लिए जरुरी है की उसको दी गयी साइज़ में काटा जाये l
  2. जिसके बाद में उसको ट्राई स्क्वायर से 90 डिग्री में चेक करते हुए बनाया जाए l
  3. जिसके बाद में सभी सतह को स्मूथ बनाया जाए यानि की जिस पर मार्किंग मिडिया को लगाया जा सके l
  4. जिसके बाद में जॉब की दी गयी ड्राइंग के अनुसार माप को ओड लेग कैलीपर में भरा जाए l
  5. जब माप भर कर चाप मारे तो चाप स्पष्ट नजर आनी चाहिए l
  6. जिससे की मार्किंग को पक्का करते समय किसी भी तरह की कोई गलती न हो पाए l
  7. डॉट पंच और हेमर से की गयी मार्किंग को पक्का कर देते है l
  8. जिसके बाद में जॉब की अन्य ऑपरेशन किया जाता है l
  9. जॉब की मार्किंग सही हो जाती है तो जोब का सही सही बनाने नके चांस अधिकतम हो जाते है l

चित्र ———

परिणाम ( Result )

इस तरह से हमने एक जॉब की मार्किंग करने की क्रिया को सिखा l

प्रक्टिकल न 10

मोलिक मापन यन्त्र ( Basic Measuring Instruments )

उद्देश्य ( Objective )

वर्कशॉप में काम करते समय मापन औजार स्टील रुल व् केलिपर्स की कार्य प्रणाली से अवगत कराना l

आवश्यक औजार

  1. आउट साइड केलिपर
  2. इनसाइड केलिपर
  3. स्टील रुल
  4. ओड लेग केलिपर

सावधानिया ( Precautions )

  1. किसी मापक औजार को कटिंग औजार के साथ में नहीं रखना चाहिए l
  2. किसी भी जॉब मापा जाता है तो उसके किनारों को सही तरह से साफ कर लेना चाहिए l
  3. मापक औजार को भी अच्छी तरह से साफ करके काम में लेना चाहिए l
  4. स्टील रुल कही से भी मुडा हुआ नहीं होना चाहिए l
  5. मापन यंत्र भी कही से घीसा हुआ भी नहीं होना चाहिए l

कार्य विधि ( Working method )

  1. किसी भी जॉब को काटने से पहले मापा जाता है l
  2. जिससे की बनाये जाने वाला जॉब सही सही माप में बनाया जा सके l
  3. किसी भी जॉब को मापने के लिए सबसे पहले स्टील रुल का उपयोग किए जाता है l
  4. जॉब को माप में मार्किंग के लिए भी स्टील रुल का उपयोग किया जाता है l
  5. किसी जॉब की बाहरी मार्किंग के लिए आउट साइड कैलीपर को प्रयोग किया जाता है l
  6. अन्दर की माप लेने के लिए इनसाइड कैलीपर का उपयोग किया जाता है l
  7. जब जॉब के ऊपर समानांतर रेखाए खिची जाती है तो ओड लेग कैलीपर का प्रयोग किया जाता है l
  8. किसी भी जॉब की मापन में स्टील रुल से अधिक शुद्धता लेनी होतो वेर्नियर केलिपर का उपयोग किया जाता है l

चित्र ……………फीटिंग शॉप प्रक्टिकल

प्रक्टिकल न 11

समतल कार्यखंड पर मार्किंग और ड्रिलिंग करना l ( Marking and Drilling on Flat Workpiece )

उद्देश्य ( Objective )

किसी जॉब की समतल सतह पर मार्किंग करना और ड्रिल से छेद करना l

आवश्यक औजार / मेटेरियल

  1. ड्रिल बिट 10 mm
  2. ड्रिल मशीन
  3. मार्किंग मिडीया
  4. स्टील रुल
  5. सेंटर पंच
  6. डॉट पंच
  7. स्क्राइबर
  8. फ्लैट फाइल

सावधानिया ( Precaution ) —

  1. किसी भी जॉब पर मार्किंग करने के लिए सबसे पहले जॉब को राईट एंगल में बनाना चाहिए l
  2. किसी भी जॉब पर हुई मार्किंग को डॉट पंच से रेखा को काटते हुए पक्का करना चाहिए l
  3. scriber से लाइन सावधानी से खीचना चाहिए जो की सीधा दिखती रहे l
  4. जॉब पर ड्रिलिंग करना हो तो सेंटर पंच से पंचिंग करना चाहिए l
  5. ड्रिलिंग करते समय कुलेंट डालते रहना चाहिए जिससे की ड्रिल का पॉइंट ख़राब न हो पाए l
  6. ड्रिल जब होने वाला हो तो ड्रिल मशीन पर फीड कम कर देनी चाहिये l

कार्य विधि ( Working Method )

  1. किसी भी जॉब को मार्किंग करने के लिये सबसे पहले समतल बनाया जाता है l
  2. जैसा की बेंच वाईस में बांधकर जॉब को काटा जाता है l
  3. जिसके बाद में हो जॉब को फ्लैट फाइल की मदद से आसानी घीसा जाता है l
  4. जिससे की जॉब को सही तरह से चारो तरफ से चोकोर बनाया जा सके l
  5. किसी भी जॉब के राईट एंगल में बन जाने के बाद में उस पर चोक को लगाया जाता है l
  6. जिसके बाद में ड्रिल किये जाने वाले पॉइंट की मार्किंग डॉट पंच की सहायता से करते है l
  7. जिसके बाद में सेंटर पंच बनाये निशान पर ड्रिल मशीन में बंधे ड्रिल से ड्रिलिंग करते है l
  8. जिस सतह पर ड्रिल मशीन से ड्रिल करते है उसको धीरे धीरे से फीड देते है l
  9. धीरे धीरे पानी को भी डालते है जिससे ड्रील घर्षण से गर्म नहीं होता है l
  10. जब ड्रिल पूरा होने वाला होता है तो फीड कम कर देते है जिससे ड्रिल के फंसने या टूटने की सम्भावना नहीं होती है l

परिणाम ( Result )

इस तरह से किसी जॉब पर मार्किंग व् ड्रिलिंग का प्रक्टिकल आसानी से कर लेते है l

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