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लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

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प्रक्टिकल न 1

लेथ मशीन का परिचय ( Introduction of Lathe machine )

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उद्देश्य ( Objective )

वर्कशॉप में लेथ मशीन के परिचय की जानकारी देना

आवश्यक उपकरण

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ट्रेड परिचय ( जानकारी )| Trade Introduction |

लेथ मशीन

सावधानिया ( Precaution )

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  1. लेथ मशीन सभी मशीनों की जननी है इसलिए लेथ की सही सही जानकारी होने पर ही कारीगर को लेथ चलाना चाहिए l
  2. जैसा की लेथ मशीन पर पुली और बेल्ट भी लगे होते है उन पर सुरक्षा गार्ड जरुर लगा देना चाहिए l
  3. लेथ मशीन पर धातु मेटल के चिप्स निकलते है इसलिए कारीगर को शेफ्टी पोशाक व् गोगल का जरुर उपयोग करना चाहिए l
  4. लेथ मशीन के आरपीएम भी अधिक होते है जॉब को सही सही सेन्टर पर बांधना चाहिए जिससे किसी जॉब के ख़राब होने की घटना नहीं होती है l
  5. किसी भी जॉब को सेन्टर में बाँधने के लिए सर्फेस गेज का प्रयोग करना चाहिए l
  6. किसी भी जॉब की कटिंग या फिनिशिंग शुरू करने से पहले एक टरन हाथ से घुमा कर चेक कर लेना चाहिए l
  7. जॉब पर टूल की फीड कम से कम देना चाहिए साथ ही आयल भी डालते रहना चाहिए जिससे टूल की शार्पनेस बनी रहती है l
  8. जब चुडिया बनानी होती है तो ऑटोमेटिक फीड दी जानी चाहिए l
  9. जिससे की चुडिया समान रूप से बनती है l
  10. किसी साफ्ट का फेस बनाना होतो सावधानी से सर्फेस गेज से सेन्टर बनाना चाहिए l
  11. Computer Employablity Skill
  12. Ncvt ITI Exam News
  13. Government iti website
  14. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

कार्य विधि ( working method )

लेथ मशीन की सम्पूर्ण कार्य प्रणाली को जानने के लिए उसके भागो की जानकारी होना आवश्यक है जो इस प्रकार है —

  1. लेथ बेड ( Lath Bed ) —-जैसा की नाम से ही पता चलता है जिस पर लेथ मशीन के मुख्य भाग जुड़े होते है या ये कहे की लेथ मशीन पर जो भी गति करने वाले भाग जैसा की टूल पोस्ट ,केरिज , सेडल आदि इस पर ही लगे होते है l बेड ही हेड स्टोक ,टेल स्टोक से जुडा होता है l
  2. हेड स्टोक — लेथ मशीन का वह भाग जिसमे विभन्न गियर असेम्बली जुडी होती है और चक लगा होता है पुली को इलेक्ट्रिक मोटर से जोड़ा जाता है l ये भाग ही जॉब को पकड़ने वाला भाग होता है मशीन के बाए और हेड स्टोक होता है l
  3. टेल स्टोक —जैसा की टेल का अर्थ हम पूछ से लेते है इसी तरह से ही हमारी लेथ मशीन का पिछला भाग टेल स्टोक कहलाता है l जिसमे बड़े जॉब को सहारा देने के लिए भी काम में लिया जाता है l इसके आलावा जब किसी जॉब पर लेथ मशीन पर ड्रिल करना होता है तो टेल स्टोक के जरिये ही जॉब में ड्रिल या रिमर को गुमाया जाता है l
  4. सैडल —लेथ मशीन पर टूल को बेड पर बने गाइड वे पर टूल को अक्ष के समांतर गति प्रदान करने के लिए जिस पार्ट का उपयोग किया जाता है उसको सेडल नाम से जाना जाता है l इस भाग पर ही क्रोस स्लाइड , कंपाउंड रेस्ट ,टूल पोस्ट लगा होता है l
  5. केरिज –बेड पर स्थित लेथ मशीन का वह भाग जिसकी सहायता से टूल पोस्ट को बेड पर हेड स्टोक से टेल स्टोक के बीच में गति कराया जाता है केरिज कहलाता है l इसके जरिये ही टूल पोस्ट में बधे टूल जॉब पर पूरी लम्बाई में गति कर पाते है l यानी की टर्निंग आदि की क्रिया भी कर पाते है l
  6. कंपाउंड रेस्ट —जब भी किसी टूल के जरिये जॉब की कटिंग की जाती है तो उसको किस कोण में सेट करना है इस काम में कंपाउंड रेस्ट का ही प्रयोग होता है l कंपाउंड रेस्ट क्रॉस स्लाइड के ऊपर लगा होता है l इसके नीचे चारो और घुमने वाला आधार लगा होता है जिसकी सहयता से ही इसको किसी भी कोण में घुमाया जा सकता है l
  7. क्रोस स्लाइड — इस भाग के कारण ही फेसिंग के समय टूल को फीड दी जाती है यह सेडल के ऊपर फिट रहता है यह सेडल से डोवटेल फिटिंग के जरिये फिट किया रहता है l क्रोस स्लाइड के कारण ही टूल को स्पिंडल अक्ष के लम्बवत फीड दी जाती है l
  8. टूल पोस्ट — लेथ मशीन का केरिज के ऊपर स्थित वह भाग जिस पर हम जॉब पर कटिंग फेसिंग आदि काम के लिए टूल को बांधते है टूल पोस्ट कहलाता है l इसमें काम के अनुसार टूल पोस्ट को बांधा जाता है जैसा की एक टूल बांधना है या अधिक टूल उसी के अनुसार टूल पोस्ट को लगाया जाता है l
  9. लेग्स — बेड के साथ जमींन पर लेथ मशीन को स्थायित्व देने के इसका प्रयोग किया जाता है ये कास्ट आयरन के बनाए जाते है इसको नीचे से फ़ौंडेशन बोल्ट के जरिये जोड़ा जाता है l जिससे की लेथ माशी आसानी से अपने स्थान पर खड़ी रहे l
  10. चक — हेड स्टॉक में लगा भाग जो की स्पिंडल पर बाँधा जाता है चक कहलाता है इसके बीच वाले भाग में ही जॉब को बाधा जाता है जिसमें जॉब को सर्फेस गेज की सहयता से सेन्टर में बांधा जाता है l चक भी काम के अनुसार अलग अलग तरह के प्रयोग में लाये जाते है l
  11. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )
  12. आईटीआई रिज़ल्ट रीचेकिंग-ITI RESULT RECHECKING METHOD 2020

चित्र —– लेथन मशीन

परिणाम (Result ) — इस तरह से हमने एक लेथ मशीन की जानकारी को प्राप्त किया l

प्रक्टिकल न 2

गोल जॉब को स्वतंत्र चक में पकड़ना और उसकी त्रुइंग करना ( Holding of round job in an independent chuck and truing it )

उद्देश्य ( Objective )

workshop में गोलाकार जॉब को स्वतंत्र चक में पकड़कर त्रुइंग करना l

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आवश्यक उपकरण

  1. सर्फेस गेज
  2. वी टूल
  3. लेथ मशीन तथा स्वतंत्र चक

सावधानिया ( precautions )

  1. जॉब को सावधानी से चक में बांधना चाहिए l
  2. किसी भी टूल पर हाथ नहीं फेरना चाहिए l
  3. जॉब की कटिंग के समय कुलेंट भी डालते रहना चाहिए जिससे की किसी भी तरह की टूल टूटने की समभावना न रहे l
  4. काम में लेने से पहले टूल को अच्छी तरह से धार लगाना चाहिए l
  5. चलती मशीन को हाथ से रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए l
  6. फीड भी कम दें जिससे की टूल आवाज नहीं करता है l
  7. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

कार्य विधि ( Work method )

  1. लेथ मशीन पर जॉब को सबसे पहले सर्फेस गेज के जरिये सेन्टर में बाँधा जाता है l
  2. इसके बाद में काम के अनुसार टूल पोस्ट में टूल को बांधा जाता है l
  3. जॉब को चक में अच्छी तरह से टाइट कर देते है l
  4. जिससे की जॉब सेन्टर गलत नहीं हो पाए l
  5. अब जॉब पर क्रोस स्लाइड की सहायता से टूल के जरिये कट लगाते है l
  6. टूल के जरिये जो हल्के कट लगाए जाते है जो की आड़े तिरछे होते है l
  7. जब ये कट एक दुसरे को काटते है तो जॉब काम करते समय हाथ से नहीं फिसल पाता है l
  8. इस प्रकार से बने कट को ही त्रुइंग का नाम दिया गया है l
  9. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

परिणाम ( Result )

इस तरह से एक लेथ मशीन पर जॉब पर त्रुइंग की क्रिया की गयी l

प्रक्टिकल न 3

टूल को टूल पोस्ट में पकड़ना ( Holding the tool in a tool post )

उद्देश्य ( Objective )

लेथ मशीन में टूल को टूल पोस्ट में पकड़ना

आवश्यक उपकरण

  1. लेथ मशीन
  2. टूल को सीधा बांधने के लिए लोहे की पतिया l
  3. वी टूल
  4. सर्फेज गेज

सावधानिया ( precautions )

  1. लेथ मशीन को काम में लेने से पहले और काम में लेने के बाद में लोहे के बने चिप्स को हटा देना चाहिए l
  2. लेथ मशीन पर हमेश जॉब को सेन्टर में ही बांधना चाहिए l
  3. किसी भी चलती मशीन में एकदम से गियर नहीं बदलना चाहिए l
  4. जॉब के अनुसार ही टूल को काम में लिया जाता है l
  5. टूल को काम में लेने से पहले उनका एंगल चेक कर लेना चाहिए l
  6. चलती मशीन पर जॉब को बार बार नहीं बदलना चाहिए l
  7. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )
  8. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

कार्य विधि ( वर्क मेथड )

  1. जैसा की किसी भी टूल को टूल पोस्ट में बांधना चाहिए l
  2. .किसी भी टूल को टूल पोस्ट में काम करते समय ही बांधा जाता है l
  3. जॉब को लेथ मशीन के चक में सर्फेज गेज की सहायता से बांधा जाता है l
  4. जॉब चक में सेंटर में बंधना चाहिए जिससे की आसानी से टूल से कटिंग हो सके टूल के टूटने की समभावना न बने l
  5. टूल को आवश्यकता के अनुसार ऊँचा निचा भी कर सकते है l
  6. साथ ही जिस टूल को काम में लिया जाता है उसकी कटिंग एज को अच्छी तरह से ग्राइंड कर लिया जाता है l
  7. जिससे जॉब जल्दी बनता है और फिनिशिंग भी अधिक अच्छी आती है l
  8. Computer Employablity Skill

चित्र ——

परिणाम (Result )

इस तरह एक लेथ मशीन पर टूल को टूल पोस्ट में पकड़ने और सेट करने का काम किया गया l

प्रक्टिकल न 4

टूल की सहायता से जॉब को केन्द्रित करना ( Centering the job with the help of tool )

आवश्यक उपकरण

  1. लेथ मशीन
  2. सर्फेस गेज
  3. वी टूल
  4. चक की व् टूल की

सावधानिया ( precaution )

  1. लेथ मशीन को काम में लेने से पहले बेड तथा अन्य भागो की सफाई कर चिप्स को हटा देना चाहिए l
  2. लेथ मशीन पर जॉब को सेंटर में बंधने के लिए सर्फेज गेज का प्रयोग करना चाहिए
  3. जॉब चक में सभी तरह से बराबर बंधना चाहिए जिससे की टूल से बराबर कट लग सके l
  4. लीड स्क्रू पर बराबर ओइलिंग करते रहना चाहिए l
  5. जॉब को सेंटर में बांधते समय चक को हाथ से हल्का चला कर देख लेना चाहिए l

कार्य विधि ( वर्क मेथड )

  1. जिस जॉब को लेथ मशीन में बांधना होता है उनको चक के आसानी से लगा देते है l
  2. जब जॉब चक में बांध देते है तो उसका सेंटर करते है जिसके लिए सर्फेज गेज का प्रयोग करते है l
  3. चक की की सहायता से जॉब को चक पार्ट को आगे पीछे करके एडजस्ट किया जाता है l
  4. जब जॉब सर्फेज गेज के scriber के पॉइंट पर समान रूप से टच होने लग जाए तो जॉब सेंटर होना मानना चाहिए l
  5. इसके बाद में टूल पोस्ट में लगे टूल को जॉब पर चक को हाथ से घुमाते हुए टच करते है l
  6. यदि टूल नीचा है तो टूल पोस्ट में टूल के नीचे पेकिंग लगाकर ऊँचा उठाते है l
  7. इस तरह से टूल को जॉब के अनुसार सेंटर करते है जिससे की जॉब आसानी से कटिंग किया जा सके l
  8. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

चित्र ——

परिणाम ( Result )

इस तरह से टूल को जॉब पर कटिंग करने के लिए केन्द्रित किया जाता है जिससे की जॉब को आसानी से बनाया जा सके l

प्रेक्टिकल न 5

फेसिंग तथा ड्रिलिंग ( Facing and Drilling )

आवश्यक उपकरण

  1. सर्फेज गेज
  2. लेथ मशीन
  3. लेफ्ट साइड त्रुइंग टूल
  4. ड्रिल बिट 10 mm
  5. गोल जॉब मोटाई 65 mm तथा लम्बाई 105 mm
  6. फ्लेट फाइल 250 mm

सावधानिया ( precaution )

  1. किसी भी जॉब को फेसिंग करते समय सावधानी से उसको लेथ मशीन के चक में केंद्र पर सेट करना चाहिए l
  2. जॉब पर जितना गहरा ड्रिल करना है उसका विशेष ध्यान रखना चाहिए l
  3. ड्रिल चक में हमेशा लेथ पर काम करते समय सेंटर ड्रिल का ही प्रयोग करना चाहिए l
  4. जिस जॉब की फेसिंग करना हो उसको टूल सेंटर में लगाकर फेसिंग करना चाहिए l
  5. ड्रिलिंग के समय कुलेंट भी डालते रहना चाहिए जिससे ड्रिल गर्म नहीं होता है l
  6. बार बार ड्रिल पर पानी डालते रहने से ड्रिल की धार भी ख़राब नहीं होती है l
  7. लेथ मशीन को कम से कम स्पीड में चलाने से फेसिंग के समय फिनिशिंग भी अधिक अच्छी आती है l

कार्य विधि ( वर्क मेथड )

  1. किसी भी जॉब पर लेथ मशीन पर कोई भी ऑपरेशन करना है तो जॉब को सर्फेज गेज की मदद से चक पर सेंटर में बांधे
  2. उसके बाद में फेसिंग करने वाले टूल को टूल पोस्ट में इस तरह से बांधे की जॉब की पूरी सतह टूल के संपर्क में आ सके l
  3. जब टूल को टूल पोस्ट में सही तरह से बाँध लेते है तो लेथ चक को एक चक्कर हाथ से चलाकर यह चेक कर ले की टूल व् जॉब के बीच में सम्पर्क सही है l
  4. इसके बाद में लेथ मशीन को ओंन करके जॉब के सेंटर पर टूल को लगाते हुए टूल से हल्का फीड देकर जॉब की फेसिंग करते है l
  5. केंद्र से बाहर की और टूल को हाथ से बढाते है जिससे जॉब की फेस की फेसिंग होने लगती है l
  6. जितनी फेस पर फिनिशिंग करनी होती है उसके अनुसार फीड देते है l
  7. इसके बाद में जैसा की जॉब गोल रोड है जिसके सेंटर में ड्रिलिंग करनी है l
  8. जॉब में किये जाने वाले ड्रिल को टेल स्टॉक में लगाते है उसके बाद बेड पर टेल स्टॉक को आगे की और लेते है लेथ मशीन को चलाते है l
  9. धीरे धीरे फीड देकर कुलेंट को डालते हए ड्रिल करते है l
  10. जब ड्रिल पूरा हो जाता है उसके बाद में ड्रिल लगे टेल स्टॉक को वापस पीछे कर देते है l

चित्र ——-

परिणाम ( Result )

इस तरह से लेथ मशीन पर एक जॉब की फेसिंग और ड्रिलिंग की गयी l

प्रक्टिकल न 6

केन्द्रों के मध्य समांतर टर्निंग ( Parallel Turning Between Centers )

उद्देश्य (Objective )

वर्कशॉप में केन्द्रों के मध्य समांतर टर्निंग करने का अभ्यास करना l

आवश्यक उपकरण

  1. लेथ मशीन
  2. डेड सेंटर
  3. डॉग करियर
  4. रिवोलविंग सेंटर
  5. टेल स्टॉक
  6. सेन्टर ड्रिल
  7. फ्लेट ड्रिल
  8. फ्लैट फाइल

सावधानिया ( Precaution )

  1. लेथ मशीन पर लेथ चक और टेल स्टॉक के बीच में जॉब को बांधा जाता है जिसमे जॉब को सावधानी से बांधना चाहिए l
  2. चक को सही तरह से सेंटरिंग करना चाहिए l
  3. लेथ मशीन के लीड स्क्रू में सही तरह से ओइलिंग करना चाहिए l
  4. टूल पोस्ट में टूल को सही तरह से अलाइन करना चाहिए l
  5. टेल स्टॉक में लगे हुए बोल्ट को अधिक टाइट कर लेना चाहिए
  6. एक बार टूल को जॉब पर सेंटर गेज से सेंटर कर लेना चाहिए जिससे की कोई भी टूल टूटने की सम्भावना नहीं रहती है l

कार्य विधि ( Work method )

  1. जिस जॉब की सतह की टर्निंग करनी हो उसको लेथ चक और टेल स्टॉक के बीच में सेंटर कर लेना चाहिए
  2. जॉब को डेड सेंटर और रीवोल्विंग सेंटर के बीच में बाधा जाता है l
  3. जॉब के दोनों और फेसिंग की क्रिया करके सेटर ड्रिल को लगाया जाता है l
  4. जॉब की आवश्यकता के अनुसार चक और टेल स्टॉक में डेड सेंटर और रीवोल्विंग सेंटर को लगाया जाता है l
  5. जिसके बाद में चक और जॉब पर सरफेस गेज के जरिये सेंटर किया जाता है जिससे की टूल जॉब की पूरी सतह पर समान रूप से चल सके l
  6. जॉब व् टूल की सेटिंग हो जाने के बाद भी टूल के जरिये टर्निंग करते है l

परिणाम ( Result )

इस प्रकार से वर्कशॉप में केन्द्रों के मध्य समांतर टर्निंग करने का अभ्यास किया गया l

प्रक्टिकल न 7

रफ ,फिनिशिंग ,पार्टिंग ऑफ टूलो द्वारा विभाजन तथा चेम्फरिंग करना

उद्देश्य ( Objective )

रफ , फिनिशिंग ,पार्टिंग ऑफ टूलो की सहायता से विभाजन तथा चेम्फरिंग करने का अभ्यास करना l

आवश्यक उपकरण

  1. रफ वी टूल
  2. स्क्वायर टूल
  3. सर्फेज गेज
  4. फ्लेट फाइल रफ फिनिशिंग
  5. लेथ मशीन
  6. कटिंग टूल

सावधानिया ( precautions )

  1. सबसे पहले टूल की धार को चेक करना चाहिए l
  2. धातु के अनुसार कुलेंट का उपयोग करना चाहिए l
  3. काम के अनुसार टूल का उपयोग करना चाहिए l
  4. लेथ मशीन के चक में जॉब को सही तरह से सर्फेस गेज की सहायता से बांधना चाहिए l
  5. जॉब की पार्टिंग करने के बाद सावधानी से फिनिशिंग करना चाहिए l
  6. जॉब की फिनिशिंग के लिए कार्बाइड टूल को ही प्रयोग करना चाहिए l

वर्क मेथड

  1. किसी भी लेथ मशीन पर जॉब पर कोई भी क्रिया करनी हो उसके लिए सबसे पहले उसको चक में बांधते है l
  2. जिसके बाद में उस जॉब का सर्फेस गेज की सहायता से सेंनटर करते है l
  3. जिससे की जॉब की कटिंग बराबर हो और टूल भी टूटने का खतरा न रहे l
  4. वी टूल के जरिये टूल जॉब की रफ कटिंग करते है l
  5. जॉब को जहा से काटना है उससे एक य दो mm की दुरी छोड़कर स्क्वायर टूल से थोडा बाए थोडा दाये टूल को चलाकर कटिंग करते है l
  6. लेथ पर काम करते समय कार्बाइड का मजबूत टूल काम में लेते है जिसका कटिंग कोण 45 डिग्री रखते है l
  7. जिसके जरिये आसानी से जॉब पर 45 डिग्री का चेम्बर भी लग जायेगा l
  8. जॉब पर टूल से कटिंग के बाद में फाईलिंग की जाती है l
  9. समय समय पर जॉब की सतह को सर्फेज गेज से चेक करते है l
  10. लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

चित्र ——-

लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

परिणाम ( Result )

इस तरह से एक जॉब पर लेथ मशीन पर की जाने वाली विभन्न क्रियाये जैसा की रफ ,फिनिशिंग ,पार्टिंग ,टर्निंग ,चेम्फरिंग की गयी l लेथ संक्रियाये ( Lathe Operations )

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