Advertisement

जिन्दंगी के साथ भी जिन्दंगी के बाद भी

Advertisement

साधारण तोर पर आमजन हो या कोई बड़ा आदमी सबका एक ही सपना होता है की उसके साथ जो भी रहे जैसा की परिवार या धन सम्पत्ति सबका साथ रहे और चला जाए तो भी उसकी यादगार बनी रहे l

इसी के आधार पर व्यक्ति अपने जीवन को जीना चाहता है जैसा की आमजन को इस बात की समझ होती है की उसके जीवन में सभ तरह की सुविधा मिलती रहे जैसा की

Advertisement

” जिन्दंगी के साथ भी जिन्दंगी के बाद भी ” यही एक कहावत है जो सभी जीवो पर लागु रहती है l जैसा की इसी बात को लेकर आमजन को जीवन बीमा ने भी अपना उपयोग बताया है l

जीवन बीमा

जीवन बीमा जिन्दंगी के साथ भी जिन्दंगी के बाद भी बात को लागु करता है l

  • किसी भी जीवित व्यक्ति का जीवन बीमा हो जाने पर उसका बीमा चालू हो जाता है l
  • बीमा यानी की किसी भी घटना या दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो जाए तो नामित व्यक्ति को उसका लाभ मिल जाता है l
  • जितनी राशी का बीमा व्यक्ति का किया जाता है उसके अनुसार ही उसकी पत्नी या परिवार जन जो की नोमनी होता है l
  • उसको मिल जाता है l जैसा की माना किसी ने अपने बीमे की पहली क़िस्त जमा करा दी है l
  • जिसके बाद में किसी दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को बीमा राशी माना एक लाख है या दो लाख है मिल जाता है l

जीवन बीमा क्लेम

“जिन्दंगी के साथ भी जिन्दंगी के बाद भी ” बात के साथ जब व्यक्ति की किसी भी कारण से मृत्यु हो जाती है जैसा की बीमा किया हुआ होता है तो उसके परिवार के नोमनी को जीवन बीमा क्लेम करना होता है l

Advertisement

सबसे पहले जिस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी है उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जीवन बीमा क्लेम के साथ लगाना होता है l

  • बीमित और नोमनी का आधार कार्ड क्लेम फॉर्म के साथ भरना होता है l
  • भरे हुए फॉर्म को मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ लगा देते है l
  • सभी भरे गए फॉर्म को अपने पास के बीमा ऑफिस में जमा करना होता है l
  • जैसा की बीमा ऑफिस में नोमनी को अपना बचत खाता की कॉपी भी लगाना होता है l
  • जिसके बाद में वहा के अधिकारी के जरिये जांच की जाती है l
  • बीमा ऑफिस के कर्मचारी बीमित व्यक्ति की मृत्यु के बारे में अपनी जाँच पूरी करता है l
  • जब जाँच पूरी हो जाती है तो बीमित परिवार के नोमनी को बचत खाते में बीमा राशी को भेज दिया जाता है l

बीमा अधिकारी जाँच

“जिन्दंगी के साथ भी जिन्दंगी के बाद भी ” जीवन बीमा का उद्देश्य है की आमजन की जीवित रहते या न रहते हुए भी मदद की जाए ऐसा की किसी भी बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है l

जिसके बाद जब नोमनी क्लेम करता है तो बीमा कार्यालय के जरिये एक बीमा अधिकारी को जाँच के लिए नियुक्त करता है जिसके बाद में बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है l

Advertisement
  • बीमा अधिकारी के जरिये जांचा जाता है की जिस व्यक्ति का बीमा कार्यालय में आवेदन किया गया है l
  • उसकी मृत्यु वास्तव में हुई है की नहीं l
  • जैसा की वास्तव में कई बार कोई झूठा क्लेम कर दे तो उसका भी पता लगा लिया जाता है l
  • जैसा की नियुक्त किया गया बीमा अधधिकारी बीमित के पडोसी से भी बीमित के मरने की जानकारी को जुटाता है l
  • जैसा की बीमित की हुई मृत्यु की सूचना सही मिलती है तो बीमा अधिकारी क्लेम को सही बता देता है l

जिसके बाद में ही बीमा क्लेम को पास किया जाता है और नोमनी के दावे को सही बता कर आगे क्लेम को भेज दिया जाता है जिसके बाद ही नोमनी को क्लेम बचत खाते में भेज दिया जाता है l

Advertisement

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *